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चन्द्रकान्ता महाविद्यालय

समस्त चुनौतियों का सामना करने की शक्ति भारत के पास: अविनाश राय खन्ना*
चंद्रकांता महाविद्यालय पिरबियावानी,बुलंदशहर के तत्वावधान में सोमवार को छठा ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबीनार वर्तमान भारत चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर आयोजित की गई। प्राचार्य डॉ विप्लव ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉक्टर राहिल अहमद ने मुख्य वक्ता प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री कुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश एवं सह मुख्य वक्ता श्री अविनाश राय खन्ना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी तथा स्पेशल इनवाइटी प्रोफेसर वी बी सिंह प्रोफेसर अर्थशास्त्र विभाग एवं डीन पीजी स्कूल आफ सोशल साइंस यू आर ओ जयपुर एवं चेयरपर्सन डॉ जयंत सिंह डायरेक्टर डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ लोंग लर्निंग यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान जयपुर का स्वागत किया। श्री अविनाश राय खन्ना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति की झलक हमारी विदेश नीति में भी झलकती है। जैसे एक बच्चे का परिवरिश बता देता है कि उसका आने वाला भविष्य कैसा होगा ठीक भारत की संस्कृति में ही भारत का विदेश नीति झलकता है। हम सर्वे भवन्तु सुखिनः में विश्वास रखने वाले देश हैं जिसका ज्वंलत उदाहरण इस कोरोनाकाल में भी देखा जा सकता है। 10 मिलियन डॉलर हमने सार्क फंड में दिया है जबकि 2 मिलियन डॉलर विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी इस आपदा में दिया है जबकि अमेरिका जैसे देशों ने एक भी रुपया का मदद नहीं किया है। उनका कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चाइना के लिये काम कर रहा है। हमने टेस्टिंग किट, उपकरण व सेनिटाइजर आदि का मदद मालदीप, श्रीलंका, नेपाल व अफगानिस्तान सरीखें राष्ट्रों को किया है। खुद को लॉकडाउन में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया है और इस आपदा के घड़ी में दूसरे राष्ट्रों को भी मदद किया है। आज चीन ने दुनिया से कोरोना की जानकारी को छुपाया और जब यह पूरा दुनिया में पॉव पसारने लगी तो उस समय भी भारत ने चीन को स्पेशल पीपीई किट मुहैया कराया और जब भारत भी इसका शिकार हुआ तो वही चाइना ने हमें घटिया किस्म का पीपीई किट दिया। इस मुश्किल घड़ी में हमने N95 किट का ना सिर्फ उत्पादन किया बल्कि दुनिया को N95 किट मुहैया कराया। वैश्विक भूमिका निभाते हुए हमने हाइड्रोक्लोरोक्सिन दवा अमेरिका जैसे देशों को प्रदान किया। भारत सदैव से कॉपरेटिव व क्वालिटेटिव में विश्वास रखता है आज चीन आर्थिक संपन्न देश है। सस्ता श्रम होने की वजह से हर कुछ का उत्पादन करने में सक्षम है जिस कारण पूरे विश्व अर्थव्यवस्था पर वह सिक्का जमा लिया है। सदैव से वो दुनिया का विरोधी रहा है। जो देश अमेरिका का विरोध करता है वो इंडिया को कैसे आगे बढ़ता हुआ देख सकता है। वो हमारे चारों ओर से हमें कमजोर करने पर लगा हुआ है। नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, बंगलादेश आदि को कई प्रकार का आर्थिक मदद पहुंचा रहा है। भारत-नेपाल के बीच बेटी-रोटी का संबंध है जिसे भी तोड़ने में वो कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है। पाकिस्तान को मदद देकर भारत में आतंक बढाने का काम करता है। अब इस कोरोना जैसे वैश्विक आपदा के बाद जब वो पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ रहा है तो विश्व को भी चाहिये कि वो चीन पर सभी प्रकार के प्रतिबंध लगाएं व भारत का साथ दें।उन्होंने पंडित नेहरू से लेकर पीएम मोदी तक हुए कई समझौतों पर विस्तार से प्रकाश डालाऔर बताया की कैसे चीन ने हर बार समझौतों को तोड़ा है और सदैव से धोखा देने का काम किया है। अब जरूरत है कि भारत सरकार अपने सशक्त कूटनीतियों का प्रयोग कर चीन को विश्व स्तर पर अलग-थलग करें और भारत के अंदर चीन के वस्तुओं व कंपनियों को बैन करें। सरकार के पास चीन को विश्व स्तर पर अलग-थलग करने का इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता है। साथ ही सरकार के वोकल फॉर लोकल, मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया व स्वदेशी के अभियान की सराहना की और आमजनमानस से भी सहयोग कर सरकार के इस अभियान का साथ देने की अपील की जिससे कि भारत स्वाबलंबी ही नहीं आत्मनिर्भर भी बनें और अपने विदेश नीति से स्पष्ट शब्दों में यह साफ कर दें कि भारत सदैव सबका सम्मान करता आया है और आपदा के घड़ी में भी भारत ही सबके साथ खड़ा होता है। पूरा विश्व भारत के मार्केट की ओर अब देख रहा है। अपने विदेश नीति के बल पर इस अवसर को स्वीकार कर दुनिया के लिये भारत का मार्केट खोल दें तो यकीनन वो दिन दूर नहीं जब हमारा भारत विश्वगुरु बन जायेगा और चीन को भी करारा जवाब मिल जाएगा।अंतरराष्ट्रीय राजनीति में न तो कोस्थायी दुश्मन होता है और न स्थायी दोस्त। उन्होंने कहा कि 1962 भारत चीन युद्ध में रूस ने भारत को मदद नहीं किया जबकि 1971 में किया।
मुख्यवक्ता प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री कुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश ने कहा कि पंडित नेहरू से लेकर पीएम मोदी तक हुए कई समझौतों पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया की कैसे चीन ने हर बार समझौतों को तोड़ा है और सदैव से धोखा देने का काम किया है। अब जरूरत है कि भारत सरकार अपने सशक्त कूटनीतियों का प्रयोग कर चीन को विश्व स्तर पर अलग-थलग करें और भारत के अंदर चीन के वस्तुओं व कंपनियों को बैन करें। सरकार के पास चीन को विश्व स्तर पर अलग-थलग करने का इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता है। साथ ही सरकार के वोकल फॉर लोकल, मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया व स्वदेशी के अभियान की सराहना की और आमजनमानस से भी सहयोग कर सरकार के इस अभियान का साथ देने की अपील की जिससे कि भारत स्वाबलंबी ही नहीं आत्मनिर्भर भी बनें और अपने विदेश नीति से स्पष्ट शब्दों में यह साफ कर दें कि भारत सदैव सबका सम्मान करता आया है और आपदा के घड़ी में भी भारत ही सबके साथ खड़ा होता है। पूरा विश्व भारत के मार्केट की ओर अब देख रहा है। अपने विदेश नीति के बल पर इस अवसर को स्वीकार कर दुनिया के लिये भारत का मार्केट खोल दें तो यकीनन वो दिन दूर नहीं जब हमारा भारत विश्वगुरु बन जायेगा और चीन को भी करारा जवाब मिल जाएगा कोविड महामारी ने पश्चिम और यूरोप के विकसित देशों को घूटने के बल खड़ा कर दिया है। अमेरिका पहली बार स्पेनिश फ्लू को छोड़कर किसी महामारी से धराशायी हुआ है। अबतक देखा जा रहा था कि किसी महामारी से विकासशील और गरीब राष्ट्र प्रभावित होते थे और अमेरिका वेक्सीन बनाकर ऊंची दामों पर बेचता था।उन्होंने कहा कि चीन ने कई बार आंकड़ा बदला। दुनिया को गुमराह करता रहा। एकतरफ नवंबर दिसंबर 2019 में शेयर अचानक बढ़ने लगा लेकिन फरवरी और मार्च 2020 तक आते-आते अधिकांश देशों की कंपनियों के शेयर गिरने लगे। सभी शेयरों को चीन ने खरीदा। फरवरी से चीन ने जीवनोपयोगी सामानों को उत्पादन कर विश्व के देशों को निर्यात करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में सिर्फ भारत हीं एक ऐसा देश है जो अपने श्रमशक्ति, स्किल डेवलपमेंट, जॉब, तकनीकी के आधार पर इक्कीसवीं सदी के मध्य तक चीन को चुनौती दे सकता है। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का संचालन डॉ कृति यादव ने किया। कुल चौदह प्रतिभागियों ने दोंनो वक्ताओं से सवाल पूछे। बारह राज्यों के प्रतिभागियों ने छठे वेब लेक्चर कार्यक्रम मे सक्रिय भाग लिया। 1100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। धन्यवाद ज्ञापन मो0 हारून खान ने किया