Aa 26 2023
आज दिनांक 26 जनवरी 2023 को चंद्रकांता महाविद्यालय पीर बियाबानी सिकंदराबाद बुलंदशहर में बसंत पंचमी का कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस अवसर पर कॉलेज के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ आशुतोष उपाध्याय ने कहा कि हिंदुओं के लिए माघ का महीना बहुत ही खास होता है क्योंकि इसी महीने में ही बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्योहार आता है। बसंत पंचमी का त्योहार हर साल पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है। बसंत पंचमी के दिन सभी लोग माँ सरस्वती की पूजी करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। देवी सरस्वती को विद्या, संगीत और कला की देवी माना गया है। बसंत पंचमी का दिन शुक्ल पक्ष का पांचवां दिन होता है और विद्या की अधिष्ठात्री देवी महासरस्वती के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।प्राचार्य डॉ विप्लव ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन ही विद्या, बुद्धि और ज्ञान की देवी सरस्वती ने प्रकट होकर दुनिया को आवाज़ दी थी। भगवती सरस्वती सत्वगुणसंपन्न हैं और इन्हें हम कई अलग-अलग नामों से भी पुकारते हैं, जैसे- वाक्, वाणी, गिरा, भाषा, शारदा, वाचा, श्रीश्वरी, वागीश्वरी, ब्राह्मी, गौ, सोमलता, वाग्देवी और वाग्देवता। हम माँ सरस्वती की कृपा से ही विद्या, बुद्धि, वाणी, संगीत और ज्ञान को प्राप्त करते हैं। माघमास की पंचमी तिथि को तेजस्विनी और गुणशालिनी देवी सरस्वती की आराधना करने के लिए चुना गया है।इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा
आज दिनांक 26 जनवरी 2023 को चंद्रकांता महाविद्यालय पीर बियाबानी सिकंदराबाद बुलंदशहर के प्रांगण में७४वां गणतंत्र दिवस मनाया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी श्री ईश्वर सिंह जी के हाथों से ध्वजारोहण का कार्य संपन्न हुआ इस अवसर पर बोलते हुए प्राचार्य डॉ विप्लव ने कहा की गणतंत्र का सपना साकार हुआ है दरअसल, हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया है। 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। यही वजह है कि हर साल इस खास दिन की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। साल 1947 में भारत को मिली आजादी के बाद इसे लोकतांत्रिक बनाने के मकसद से देश का संविधान बनाना शूरू किया गया। 2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुए भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 में देश की संविधान सभा ने स्वीकार किया। इसके बाद अगले ही साल 26 जनवरी, 1950 को पूरे देश में यह संविधान लागू किया गया था।इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा