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चन्द्रकान्ता महाविद्यालय

संस्कार है हिंदी हिफाजत अनिवार्य-डॉ मोहित गुप्ता
आज दिनांक 14 सितंबर 2021 को हिंदी दिवस के अवसर पर चंद्रकांता महाविद्यालय,पिरबियावानी में हिंदी दशा और दिशा विषयक संगोष्ठी डॉ मोहित रजिस्ट्रार आई आई एम ग़ाज़ियाबाद की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस मौके पर डॉ मोहित को पाग एवम चादर से डॉ आशुतोष जी द्वारा सम्मानित किया गया । मंचासीन सदस्यों द्वारा दीप जलाकर संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया डॉ मोहित ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हो गया और उसमें यह व्यवस्था की गई के हिंदी को 1965 तक राजभाषा के पद पर आसीन कर दिया जाएगा राजभाषा अधिनियम 1976 के तहत हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए कुछ प्रभावी कदम उठाए गए फिर हिंदी ना तो राजभाषा का पद ले सकी और ना राष्ट्रभाषा का ही। 14 सितंबर प्रतिवर्ष हिंदी दिवस के नाम पर हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करने हेतु लोगों को आह्वान किया जाता है।
आखिर हिंदी का इस्तेमाल क्यों नहीं करते हैं यह एक विचारनीय है बच्चों को बचपन से ही अंग्रेजी की तरफ लाया जाता है उसके जहन में यह बात डाली जाती है के अंग्रेजी पढ़ोगे तो बड़ा बनोगे अंग्रेजी पढ़ना शान की बात समझी जाती है अपने दुकानों पर अंग्रेजी में पोस्टर लिखा दिया जाता है हम अपना हस्ताक्षर भी अंग्रेजी में करते हैं बातचीत में भी हम अंग्रेजी का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं लेकिन हमें यह करना चाहिए ?मैं अंग्रेजी का दुश्मन नहीं यह बात अलग है कि आज अंग्रेजी पढ़ना एक मजबूरी है अंग्रेजी के सहारे आगे बढ़ने की स्कोप है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम हिंदी को भूल जाएं हिंदी में अपना नाम लिखना भूल जाएं हिंदी में अपना पत्र लिखना भूल जाएं हिंदी का प्रयोग करना छोड़ दें बाल बच्चों को हिंदी पढ़ाना छोड़ दें बल्कि हिंदी भाषी स्कूलों में बच्चों का दाखिला बंद कर दें अगर हम यही करते रहेंगे तो यकीनन हिंदी खत्म होने के कगार पर आ जाएगा
मोहित ने जोर देते हुए कहा के अगर हिंदी का विकास करना है तो आज इस महाविद्यालय में शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी छात्र छात्राएं को प्रण लेना होगा के हम अपना ज्यादा काम हिंदी में करेंगे सभी पुस्तकें हिंदी में है फिर क्या यह ढकोसला है अंग्रेजी की पुस्तक ही अच्छी होती है कम से कम अपना हस्ताक्षर हिंदी में बनाएं
सभा को संबोधित करते हुए डॉ विप्लव ने कहा के हिंदी विश्व की तीसरी सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है फिर भी राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में यह अपेक्षित और प्रताड़ित है अशोक कुमार ने कहा के जब तक अंग्रेजी हावी रहेगी हिंदी आगे बढ़ने वाली नहीं है डॉक्टर संजय ने अपने वक्तव्य में कहा के अंग्रेजी हिंदी दोनों भाषाएं अगर इंसान सीख ले तो हर भाषाओं पर कब्जा किया जा सकता है किसी भी साहित्य को समझने के लिए अंग्रेजी एवं हिंदी का जानकारी बहुत जरूरी है बिना हिंदी के हम साहित्य को नहीं समझ सकते
डॉ राकेश ने हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए कहा कि अगर हिंदी में बच्चों को समझाया जाता है तो वह बातें बच्चे आसानी से समझ लेते हैं,डॉ अंजू ने विस्तार रूप से बताया के अंग्रेजी में आवेदन देना अंग्रेजी में लेक्चर देना अंग्रेजी में किताबें पढ़ना अच्छा माना जाता है लेकिन मेरा मानना है कि अगर बच्चे हिंदी में साइंस को पढ़ें तो हिंदी के विकास के लिए और लड़कों को समझने के लिए बहुत ही लाभदायक होगा डॉ आशुतोष ने हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए राय दी,हारून खान ने कहा के मनोविज्ञान की किताबें हिंदी में बहुत ही अच्छी तरह से लिखी गई हैं बच्चे अगर हिंदी वाली किताबें पढ़ते हैं तो इनका मनोबल बढ़ जाता है और बच्चों के दिलों में तमाम बातें आसानी से आ जाती हैं
प्रोग्राम की निजामत कर रहे हारून खान ने विस्तार रूप से हिंदी के बारे में बताया और कहा हिंदी उर्दू एक ऐसी मीठी जुबान है अगर कोई आदमी बोलता है तो लगता है कि वाकई सभ्यता वाली बात हो रही है इस कार्यक्रम में कॉलेज के शिक्षक , कर्मचारी गन छात्र-छात्राएं मौजूद थे
धन्यवाद ज्ञापन मनोज कुमार ने किया और उन्होंने कहा के किसी भी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए उसका पढ़ना लिखना और व्यवहार में लाना जरूरी है