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*भविष्य की निधि होती हैं बेटियां-लक्ष्य* किसी भी देश के उज्ज्वल भविष्य की निधि होते हैं उस देश के 'बच्चे'। ये बात सन शाइन ग्रुप के चेयरमैन लक्ष्य यादव ने कही,वे यहां के चंद्रकांता महाविद्यालय, पिरबियावानी,में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में बोलते हुए कही,उन्होंने बताया कि बच्चों का सर्वांगीण विकास देश की सफलता और विकास का परिचायक है। इसी उद्देश्य पूर्ति के लिए देश की बच्चियों की सुरक्षा और उन्नति हेतु हमारे प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत (हरियाणा) से एक कार्यक्रम की शुरुआत की जिसे "बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ" अभियान के नाम से जाना जाता है।डॉ आशुतोष ने बताया कि इस योजना को भारतीय समाज में बालिकाओं और महिलाओं के कल्याणकारी कार्यों की सफलता हेतु चलाया गया। प्रचार्य डॉ विप्लव ने बताया कि यूनिसेफ के एक रिपोर्ट के अनुसार भारत मे बाल लिंगानुपात में 195 देशों में से 41वाँ स्थान है यानि हम बाल लिंगानुपात में 40 देशों से पीछे हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार हर हजार बालकों पर 927 बालिकाएँ थी, जबकि 2011 की जनगणना में ये आँकड़ा घटकर 918 हो गया।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक आंदोलन के रूप में चलाया गया ,इस कायर्क्रम में चाचा नेहरू जी के जन्मदिन के अवसर पर महाविद्यालय में केक काटकर चाचा नेहरू को याद किया गया,तथा प्रत्येक छात्र/छात्रा को एक एक पेन उपहार स्वरूप भेट किया गया,इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक ,गैर शिक्षक, राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र,छात्रा, मौजूद रहे