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चन्द्रकान्ता महाविद्यालय

चंद्रकांता महाविद्यालय पीर बियावानी सिकंदराबाद बुलंदशहर में आज दिनांक 29.10.2024 दिन मंगलवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत कार्यक्रम अधिकारी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा संचालित माय भारत की प्रथम वर्षगाठ के अवसर पर सेवा से सीखे कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा हरी झण्डी दिखा कर किया गया। जिसके अन्तर्गत सभी स्वंयसेवको ने नजदीकी गांव पीर बियाबान में जाकर सभी स्वयंसेवकों आस-पास के क्षेत्र में स्वच्छता को आचरण बनाओं बीमारी को दूर भगाओं के नारे लगाकर रैली निकाली गयी। तथा दीपावली के अवसर पर शराब न पीने एवं पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए पटाखे का काम से कम इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया
प्राचार्य ने बताया किदीपावली पर पटाखे न छोड़ने की अपील: एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम है दीपावली, ज्योति का त्योहार, हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह त्योहार हमें अच्छाई की जीत और ज्ञान की विजय की याद दिलाता है। लेकिन, इस त्योहार के दौरान पटाखों का उपयोग हमारे पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरा बन जाता है। उन्होंने पटाखे से निम्न नुकसान बताएं
1. पर्यावरण प्रदूषण: पटाखे जलने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
2. ध्वनि प्रदूषण: पटाखों की ध्वनि से श्रवण शक्ति प्रभावित होती है।
3. सुरक्षा जोखिम: पटाखे जलने से आग लगने का खतरा बढ़ता है।
4. पशुओं को परेशानी: पटाखों की ध्वनि से पशु-पक्षी परेशान होते हैं। छात्र-छात्राओं ने पटाखे न छोड़ने के गांव वालों को फायदे भी बताएं
पटाखे न छोड़ने के फायदे:
1. स्वच्छ वातावरण
2. स्वास्थ्य की रक्षा
3. सुरक्षा की गारंटी
4. पशुओं की सुरक्षा प्राचार्य ने बताया किदीपावली को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए क्या करें?
1. पटाखों के बजाय दीये जलाएं।
2. पर्यावरण अनुकूल उत्पादों का उपयोग करें।
3. सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लें।
4. बच्चों को पटाखों के नुकसान के बारे में जागरूक करें।
5. स्थानीय प्रशासन का समर्थन करें।
दीपावली पर पटाखे न छोड़ने की अपील हमें एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की दिशा में ले जाती है। आइए, हम इस त्योहार को स्वच्छ, सुरक्षित और सामुदायिक बनाएं। इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा