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आज दिनांक 14 सितंबर 2023 को हिंदी दिवस के अवसर पर चंद्रकांता महाविद्यालय पीर बियाबानी में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसके मुख्य वक्ता डॉक्टर आशुतोष उपाध्याय थे इस अवसर पर बोलते हुए उपाध्याय ने कहा कि हिंदी शब्द है हमारी आवाज का हमारे बोलने का जो कि हिन्दुस्तान में बोली जाती है। आज देश में जितनी भी क्षेत्रीय भाषाएँ हैं, उन सबकी जननी हिंदी है। और हिंदी को जन्म देने वाली भाषा का नाम संस्कृत है। जो कि आज देश में सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से हिंदी माध्यम के स्कूलों में एक विषय के रूप में पढाई जाती है। आज देश के लिए इससे बडी विडम्बना क्या हो सकती है कि जिस भाषा को हम अपनी राष्ट्रीय भाषा कहते हैं, आज उसका हाल भी संस्कृत की तरह हो गया है। जिस तरफ देखो उस तरफ अंग्रेजी से हिंदी और समस्त भारतीय भाषाओं को दबाया जा रहा है। चाहे आज देश में इंटरमीडिएट के बाद जितने भी व्यावसायिक पाठयक्रम हैं, सब अंग्रेजी में पढाये जाते हैं। अगर देश की शिक्षा ही देश की राष्ट्रीय भाषा में नहीं है तो हिंदी जिसे हम अपनी राष्ट्रीय भाषा मानते है। जिसे हम एक दूसरे का दुख दर्द बांटने की कडी मानते है। उसका प्रसार कैसे हो पायेगा। कहा जाये तो हिन्दी बिना हिन्दुस्तान अधूरा है। देश की एकता और अखण्डता को बनाये रखनें में हिन्दी का अहम योगदान है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त स्टाफ एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे