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चन्द्रकान्ता महाविद्यालय

आज दिनांक 9 मई को चंद्रकांता महाविद्यालय पीर बियाबानी सिकंदराबाद बुलंदशहर परिसर में महाराणा प्रताप जी की जयंती का समारोह आयोजित किया गया प्राचार्य ने महाराणा प्रताप जी के अदम्यम साहस और शौर्य के विषय में अपने विचार प्रस्तुत किये उन्होंने महाराणा प्रताप जी के जीवन से संबंधित घटनाओं तथा उनके जीवन की सबसे विषम परिस्थिति युद्ध के दौरान घास की रोटियां खाई आदि का विषय में अपने विचार व्यक्त किया
तथा डॉ आशुतोष उपाध्याय ने महाराणा प्रताप जी की जयंती के विषय में कहा कि राजस्थान की पहचान महाराणा प्रताप जी के नाम से ही है वह राजस्थान के एक स्तंभ के रूप में जाने जाते हैं महाराणा प्रताप जी के ऊपर एक कविता रण वीच चौकड़ी भर भर कर चेतक बन गया निराला था ,की प्रस्तुति की डॉ अंजू सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये तथा समस्त आचार्यों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के सभागार में किया गया इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त आचार्य बंधु उपस्थित रहे,